गणेश जी की मूर्ति – 1 (6 से 12 इंच) , चौकी – 1 और लाल/पीला वस्त्र – 1 मीटर , कुमकुम – 1 चम्मच , रोली – 1 चम्मच , हल्दी – 1 चम्मच , अक्षत (चावल) – 2 चम्मच , दूध – 1 चम्मच , दही – 1 चम्मच , घी – 1 चम्मच , शहद – 1 चम्मच , शक्कर – 1 चम्मच , गंगाजल / शुद्ध जल – 250 से 500 ml , पान के पत्ते – 5 या 21 , दूर्वा – 21 टुकड़े या गुच्छे , चंदन – 1 चम्मच , सिंदूर – 1 चम्मच , अगरबत्ती – 5 से 7 , धूपबत्ती – 2 से 3 , दीपक – 1 या 2 (घी: 2–3 चम्मच + बाती) , फूल – 11 या 21 , फल – 5 प्रकार (1–1 नग) , नारियल – 1 (बाल सहित) , मोदक / लड्डू – 5, 11 या 21 , लौंग – 2 नग , इलायची – 2 नग , सुपारी – 2 या 4 नग , मीठा पान – 2 या 3 नग , कलश – 1 (जल: 1 लीटर + 5 आम के पत्ते) , मौली (कलावा) – लगभग 1 मीटर , हवन सामग्री – 100 ग्राम (अगर हवन हो) , आरती थाली, घंटी, शंख – 1-1 नग .
1️⃣ जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
एकदंत दयावंत, चार भुजाधारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूषक की सवारी॥
पान चढ़े, फूल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
सूर श्याम शरण आए, सफल कीजै सेवा।
मात-पिता सहित घर पधारो देवा॥
2️⃣ सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची (मराठी आरती)
सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची
नूरवी पुरवी प्रेम कृपा जयाची।
सर्वांगी सुंदर, उटी शेंदुराची
कंठी झलके माल मुक्ता फळांची॥
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ती।
दर्शनमात्रे मनकामना पूर्ण होती॥
रत्नखचित फरा तुज गौरी कुमार।
चंदनाची उटी कुंकुम केशर।
हिरे जडित मुकुट शोभतो वर।
रुणझुणती नूपुरे चरणी घागर॥
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ती।
दर्शनमात्रे मनकामना पूर्ण होती॥
3️⃣ वक्रतुंड महाकाय
वक्रतुंड महाकाय, सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव, सर्वकार्येषु सर्वदा॥
4️⃣ गणपति आप पधारो
गणपति आप पधारो, आपके सेवक खड़े द्वार।
भक्ति भाव से पूजन करें, करिए कृपा अपार॥
लाल वस्त्र पीतांबर शोभित, भाल पे तिलक विशाल।
मूषक वाहन साथ में शोभे, कर में मोदक लाल॥
सिंदूर लिपटा तन सुंदर, मस्तक पर मुकुट बंधे।
शुभ-लाभ के दाता तुम हो, दर्शन मात्र सुखद॥

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